10 जुलाई 2025 को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को एक खुला पत्र लिखकर घोषणा की कि कनाडा से आने वाले आयात पर 35% टैरिफ लगाया जाएगा। यह फैसला 1 अगस्त 2025 से लागू होगा।
टैरिफ की सीमा और छूट
- यह नया टैरिफ उन कनाडाई उत्पादों पर लागू होगा जो USMCA (अमेरिका, मैक्सिको, कनाडा समझौते) के तहत नहीं आते।
- पुराने टैरिफ पहले की तरह जारी रहेंगे:
- ऑटोमोबाइल और पार्ट्स पर: 25%
- स्टील और एल्युमिनियम पर: 50%
- उर्वरक और ऊर्जा उत्पादों पर 10% टैरिफ लागू रहेगा।
ट्रंप की वजह क्या है?
ट्रंप ने कहा कि कनाडा अमेरिका में फेंटानिल तस्करी रोकने में असफल रहा है, जबकि अमेरिकी डेटा बताता है कि सिर्फ 1% से भी कम फेंटानिल कनाडा से आता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कनाडा के व्यापार प्रतिबंध और नीतियां अमेरिकी किसानों और मैन्युफैक्चरर्स को नुकसान पहुंचाती हैं।
कनाडा की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि उनकी सरकार अमेरिकी श्रमिकों और साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार नशीली दवाओं पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठा रही है।
अब और कौन-कौन है निशाने पर?
यह फैसला केवल कनाडा तक सीमित नहीं है। ट्रंप ने एक नई ग्लोबल टैरिफ पॉलिसी शुरू की है जिसमें 20 से ज्यादा देशों को चेतावनी दी गई है।
1. सामान्य “ब्लैंकेट” टैरिफ
- ट्रंप ने ऐलान किया कि जिन देशों को चेतावनी पत्र नहीं भेजा गया, उन पर 15–20% का टैरिफ लागू किया जाएगा।
2. 20 से अधिक देशों को टैरिफ चेतावनी
- ट्रंप ने जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड जैसे देशों को पत्र भेजकर चेताया है कि 25%–40% तक के टैरिफ लग सकते हैं अगर व्यापार समझौते नहीं हुए।
3. देश और सेक्टर-विशेष टैरिफ
- कॉपर पर 50% टैरिफ प्रस्तावित।
- फार्मा (दवाएं) पर 200% तक का टैरिफ संभव।
- ब्राजील: 50% टैरिफ की धमकी।
- फिलीपींस: 20%
- ब्रुनेई और मोल्दोवा: 25%
- अल्जीरिया, इराक, लीबिया, श्रीलंका: 30% तक का टैरिफ।
4. एशिया में नाराजगी
- ट्रंप की नीति से जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में नाराजगी बढ़ गई है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह रवैया उन्हें चीन के नजदीक ले जा सकता है।
समयसीमा और इतिहास
- ट्रंप ने अप्रैल 2025 में “लिबरेशन डे” नाम से एक योजना शुरू की थी जिसमें 80 से ज्यादा देशों पर 55% तक टैरिफ की बात थी।
- कुछ टैरिफ बाद में स्थगित या रद्द किए गए, लेकिन अब 1 अगस्त से लागू होने वाले नए टैरिफ पक्के माने जा रहे हैं।
आर्थिक और राजनीतिक असर
- ग्लोबल मार्केट गिरा: टैरिफ की घोषणा के बाद बाजार में गिरावट देखी गई।
- कनाडा में गुस्सा: “Buy Canadian” मूवमेंट तेज हो गया है।
- एशिया में अविश्वास: कई देशों का मानना है कि अमेरिका की यह नीति उन्हें नजरअंदाज कर रही है।
- कानूनी विवाद: अमेरिकी अदालतों में ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को चुनौती दी जा रही है। एक बड़ा फैसला 31 जुलाई तक आने की संभावना है।
किस देश पर कितना टैरिफ?
देश/क्षेत्र | टैरिफ रेट | किसलिए लगाया गया |
---|---|---|
कनाडा | 35% + पहले से लागू टैरिफ (25%–50%) | नशीली दवाओं और व्यापार नीतियां |
जापान, कोरिया आदि | 25–40% (चेतावनी पत्र) | व्यापार असंतुलन |
ब्राजील | 50% (चेतावनी) | राजनीतिक कारण |
फिलीपींस | 20% | अप्रत्यक्ष प्रतिबंध |
ब्रुनेई, मोल्दोवा | 25% | समझौते की कमी |
अन्य देश | 15–20% (ब्लैंकेट टैरिफ) | नीति अनुपालन न होना |
आगे क्या होगा?
- संघर्ष या समझौता? अब सभी देश 1 अगस्त 2025 से पहले ट्रंप के साथ बातचीत करना चाहते हैं।
- प्रतिशोध की संभावना: कनाडा जैसे देश पलटवार कर सकते हैं।
- कानूनी स्टे की संभावना: अगर अदालतें टैरिफ को असंवैधानिक मानती हैं, तो कुछ टैरिफ रुक सकते हैं।
- वैश्विक अस्थिरता: सप्लाई चेन, निवेश और राजनयिक रिश्तों पर बुरा असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप का कनाडा पर 35% टैरिफ लगाना केवल एक शुरुआत है।
इस बार ट्रंप की रणनीति ज्यादा आक्रामक है, और यह पूरी दुनिया की व्यापार व्यवस्था को हिला सकती है।
अब सबकी निगाहें 1 अगस्त 2025 पर टिकी हैं – देखना होगा कि कौन समझौता करता है और कौन संघर्ष।